2016 बर्ष में की गयी यात्राओं का लेखा जोखा

सबसे पहले सभी ब्लॉग मित्रों को आने वाले आगामी नवबर्ष की अभी से ही शुभ कामनायें । 

चलिए इस साल की गयी यात्राओं पर एक नजर डालते है।  यह साल यात्राओं के हिसाब से ठीक ठाक रहा । ज्यादा तो नहीं लेकिन कुछ यात्रायें की गयी । जिनका संछिप्त बिबरण इस प्रकार है ।

फरवरी में शादी होने के बाद सबसे पहले इसी माह में नैनीताल की यात्रा की गयी । वैसे मैं एक साल पहले २०१५ में भी अकेले ही नैनीताल चला गया था । इस बर्ष जाना भी एक अलग अनुभव रहा । यात्रा बरेली से किच्छा, हल्द्वानी, नैनीताल होते हुए की गयी । आगे टनकपुर के पास माँ  पूर्णागिरि तक भी जाने का इरादा था । लेकिन अभी मेला सीजन ना होने के कारण नहीं जा पाए ।

छतरपुर मंदिर भ्रमण, दिल्ली

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पिछले यात्रा बृतान्त में आपने कुतुबमीनार के बारे में पढ़ा । कुतुबमीनार दर्शन के बाद हम लोग वापस मेट्रो से अगले ही स्टेशन छतरपुर आ गए । अब समय था यहाँ के मंदिर को देखने का । मेट्रो से बाहर आकर मंदिर जाने का रास्ता पता किया । एक सज्जन ने बताया कि मंदिर बस पास में ही है पैदल ही जा सकते हो । मेट्रो के पास में ही एक जगह बड़ी मुश्किल से बेकार चाय पी गयी । खैर आगे से बाएं मुड़कर मंदिर के लिए रास्ता जाता है । मंदिर इस चौराहे से ५०० मीटर ही दूर है । पैदल ही मंदिर के पास पहुंचे । एक दुकानदार प्रशाद बेंच रहा था ५१ रुपये का प्रशाद ले लिया । मंदिर समिति ने मुफ्त में ही जूते -चप्पलों को टोकन के हिसाव से जमा करवाने की व्यवस्था की है  । ऐसी ही व्यवस्था कमल मंदिर (लोटस टेम्पल ), कालकाजी और अक्षरधाम मंदिर दिल्ली में पहले मैंने देखी थी । हमने भी अपने जूते चप्पल जमा कर के टोकन ले लिए ।